शिरो पिचू
सिर पर तेल का प्रयोग आयुर्वेद में बहुत अलग -अलग तरीको से किया जाता है जो चार प्रकार से होता है।अभ्यंग सेक /परिसेक ,पिचू ,सिरों बस्ती अभ्यंग /सिरों अभ्यंग यानि सर पर तेल लगाना /तेल से मालिश करना,सेक/परिसेक का मतलब है तेल की धारा जिसे शिरो धारा भी कहा जाता है ,शिरो पिचू क्या है इस आर्टिकल के द्वारा हम यह जानेंगे।
शिरो पिचू की आवश्यकता क्यों है ?
सभी ज्ञानेन्द्रियो का स्थान मस्तिष्क यानि सिर में माना जाता है और पिचू से पंच ज्ञानेन्द्रियो का जो कार्य है उसको fungtion करने के लिए हमें मदद करता है पिचू से बहुत सारे मस्तिष्क रोगो में भी लाभ मिलता है अगर किसी को बहुत ज्यादा चिंता ,overthinking रहती हो यह तनाव को काम करके मन को शांत रख्नने ने मदद करता है
शिरो पिचू के फायदे
वे लोग जो बालो की समस्या से परेशान रहते है जैसे बालो का झड़ना ,बालों का कमजोर होना ,पतले होना , शिर की त्वचा में रुखापन / dryness ,खुजली आदि समस्या में जरूर करे किसी को सिर में burning sensation है जलन महसूस होती है या धुआँ उठाना जैसे महसूस होता है उनके लिए सिरों पिचू बहुत अच्छी process है।
किसी को आँखों में बहुत ज्यादा भारीपन महसूस ,रूखापन इन सभी में शिरो पिचू बहुतअच्छा option हो सकता है इसके अलावा किसी को अगर insomnia /नींद की कमी ,नींद न आना आदि परेशानी में बहुत फायदेमंद है।
शिरो पिचू विधि
शिरो पिचू करने से पहले शिरो अभ्यंग करना होता है यानि तेल की मालिश करनी है आयुर्वेद में अभ्यंग के बहुत सारे फायदे बताये है आयुर्वेद में बताया गया है कि हमें हर रोज अपने पुरे शरीर पर तेल लगाना चाहिएजिसेअभ्यंग कहते है अगर ये पॉसिबल नहीं है तो शरीर के तीन स्थान है(सिर ,कान ,पैरो के तलवो पर )लगाने से आपकी शरीर की स्निग्धता (मुलायम )बनी रहती है जिसे शरीर स्वस्थ बना रहता है,
इसके लिए टिल का तेल लिया जाता है और आवश्यकता के अनुसार अन्य तेल का इस्तेमाल किया जाता है इसमें तेल को गुनगुना इस्तेमाल किया जाता है या जितना व्यक्ति सहन कर सकता है गुनगुना करने के लिए (indirect heating technique/ गर्म पानी के ऊपर तेल की कटोरी को रख कर तेल को गर्म करना ) इसके अलावा जैसे नींद की कमी होने पर ब्राह्मी तेल /जटामांसी तेल भी इस्तेमाल किया जाता है बालो की समस्या में भृंगराज तेल /आंवला का तेल का प्रयोग किया जाता है.
इसके लिए cotton pad ,gauge piece ,roll bandage की आवश्यकता होती है इस विधि को (3-60 मिनट) तक रख सकते है इसे सभी कर सकते है बच्चे ,बूढ़े ,स्त्री ,पुरुष इसको करने के कोई साइड इफैक्टस नही है।