नारियल /coconut
संस्कृत में नारियल को दृढ़फल ,सदा फल ,कूर्च शीर्षक आदि नामो से जाना जाता है,नारियल के गुणों की बात की जाए तो यह ठंडा और पचने में भारी देर से वाला है जिन लोगो की जठराग्नि (पाचन शक्ति )अच्छी है वे इसको आराम से ले सकते है लेकि जिनकी अग्निमाध्य भूख नहीं लगती पाचन ठीक से नहीं होता वे इसको मात्रा में ले सकते है लगभग (10 -20 ग्राम )इसके फल को ले सकते है।
इसे बस्तीशोधनकहा जाता है ,जिन लोगो को मूत्र विकार रहते है, बार-बार जाने पर भी ठीक से नहीं होती,जलन जिनको urinary track infaction (UT I) रहता है उनके लिए बहुत अच्छा फल माना जाता है,यह विष्टंभी यानि मल को रोकने वाला है अगर आपको कॉन्स्टिपेशन है तो इसे कम मात्रा में ही करना है.
इसको वृहण बल्य कहा गया है आयुर्वेद के अनुसार हमारे शरीर में सप्त धातु (रस,रक्त ,मांस ,मेद,अस्थि,मज्जा ,शुक्र) नारियल सभी धातुओं को बढ़ाने वाला है यह आपकी मांशपेशियों को मजबूत बनाता है ,इसे बलदायक माना जाता है।
यह शरीर की स्टेंथ को बढ़ाने का काम करता है ,ये वात ,पित्त इन दोषो को कम करता है लेकिन कफ को बढ़ाता है,जिन लोगो का वजन कम हो गया है ,शरीर में रूखापन ,त्वचा का रूखापन ,बालो में रूखापन,नींद न आना ,थकान बहुत ज्यादा होती हो ,लेकिन पाचन सही है तो आप इसको इसका सेवन जरूर करना चाहिए।
ऐसे लोग जिनकी कफ प्रकृति ,वजन बढ़ता जा रहा है नींद ज्यादा आती है आलस ज्यादा आता है ,चर्बी बढ गयी
हो ऐसे लोग इसे ध्यान से सेवन करे।
यह रक्त धातु (blood) के लिए बहुत अच्छी औषधि है अगर खून में immpurites होने के कारण आपको कोई त्वचा विकार हो गया हो ,बालो की समस्या के लिए भी यह बहुत अच्छा है,
नारियल पानी पीने से शरीर में lubrication उत्पन होता है , इसे वीर्य वर्धक कहा गया है ये शुक्र धातु को बढ़ता है नारियल पानी की तासीर ठंडी होती है यह पचने में हल्का होता है जिनको प्यास बार बार लगती हो ,पानी पीने के बाद भी प्यास ख़तम नहीं होती है,ऐसी स्थिति में नारियल पानी बहुत अच्छा होता है ,
इसके अलावा यह बस्ती शोधक (urine )से सम्बन्धी कोई भी परेशानी में बहुत उपयोगी माना जाता है इसके अलावा इसे हृदय कहा गया है ,नारियल पानी का सेवन कितनी मात्रा में करना है?जितनी प्यास आपको है उतना
ही नारियल पानी पीना है। जब शरीर में dehydretion हो तब इसको जरूर लेना चाहिए खास कर pregnency के समय नारियल पानी ले बहुत फायदे मिलते है।
नारियल का तेल आयुर्वेद के ग्रंथो में नारियल तेल को वृहण करने वाला (बल वर्धक) माना जाता है ,इसे केश्य भी कहा गया हैयानि यह बालो की ग्रोथ को भी बढ़ाता है इसके अलावा इसको पदाभ्यंग के लिए बहुत अच्छा माना जाता है, यह पैर के तलवो की जलन के लिए फायदेमंद है।
नारियल का दूध क्षय विकार में/ (शरीर की दुर्बलता )/पतलापन,साथ ही शरीर में बहुत ज्यादा थकान और इसका सेवन कम मात्रा में करना चाहिए ताकि इसका पाचन आराम से हो सके आयुर्वेद में इसके बहुत सारे विशिष्ट योग
बताये गए है जैसे -नारीकेल खंड ,नारिकेल लवण आदि।