गिलोय(Tinospora cardifolia)
गिलोय (टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया) की एक बहुवर्षिय लता होती है। इसके पत्ते पान के पत्ते की तरह होते हैं।आयुर्वेद में इसको कई नामों से जाना जाता है यथा अमृता, गुडुची, छिन्नरुहा, चक्रांगी, आदि। 'बहुवर्षायु तथा अमृत के समान गुणकारी होने से इसका नाम अमृता है।' आयुर्वेद साहित्य में इसे ज्वर की महान औषधि माना गया है एवं जीवन्तिका नाम दिया गया है। गिलोय की लता जंगलों, खेतों की मेड़ों, पहाड़ों की चट्टानों आदि स्थानों पर सामान्यतः कुण्डलाकार चढ़ती पाई जाती है। नीम, आम्र के वृक्ष के आस-पास भी यह मिलती है। जिस वृक्ष को यह अपना आधार बनाती है, उसके गुण भी इसमें समाहित रहते हैं। इस दृष्टि से नीम पर चढ़ी गिलोय श्रेष्ठ औषधि मानी जाती है। इसका काण्ड छोटी अंगुली से लेकर अँगूठे जितना मोटा होता है। बहुत पुरानी गिलोय में यह बाहु जैसा मोटा भी हो सकता है। इसमें से स्थान-स्थान पर जड़ें निकलकर नीचे की ओर झूलती रहती हैं। चट्टानों अथवा खेतों की मेड़ों पर जड़ें जमीन में घुसकर अन्य लताओं को जन्म देती हैं। गिलोय का उपयोग विभिन्न बीमारियों सेे लड़ने एवं रोग प्रतिरोधक क्षमताा बढ़ाने किया जाता है।
औषधीय गुणों के आधार पर नीम के वृक्ष पर चढ़ी हुई गिलोय को सर्वोत्तम माना जाता है क्योंकि गिलोय की बेल जिस वृक्ष पर भी चढ़ती है वह उस वृक्ष के सारे गुण अपने अन्दर समाहित कर लेती है तो नीम के वृक्ष से उतारी गई गिलोय की बेल में नीम के गुण भी शामिल हो जाते हैं अतः नीम गिलोय सर्वोत्तम होती है,
फ़ायदे /लाभ गिलोय(Tinospora cardifolia) एक दिव्य रसायन है | इसीलिये इसे अमृता भी कहा जाता है| वनस्पति वैज्ञानिकों का कहना है की गिलोय की बेल जिस भी वृक्ष पर फैलती है उसमे उसके गुण आ जाते है | नीम के वृक्ष पर चढी हुई गिलोय की बेल(Giloy Plant) में चमत्कारिक ओषधीय गुण आ जाते है | इसलिए नीम के वृक्ष पर चढी हुई गिलोय को सर्वेश्रेष्ठ गिलोय कहा जाता है |
गिलोय टाइप 2 डायबिटीज को नियंत्रित करने में असरदार है। गिलोय का जूस पीने से बढ़े हुए ब्लड शुगर के स्तर को कम किया जा सकता है। गिलोय इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करता है। ऐसे में गिलोय का जूस डायबिटीज मरीजों के लिए लाभकारी है।
जब डेंगू फैलता है तो बचाव में आप घरेलू उपाय के तौर पर गिलोय का सेवन कर सकते हैं। डेंगू होने पर मरीज को तेज बुखार हो जाता है। गिलोय में एंटीपायरेटिक गुण होते हैं, जो बुखार को जल्द ठीक करने में मदद करते हैं और इम्युनिटी बूस्टर की तरह काम करते हैं।