सफ़ेद पेठा /Ash gourd
आयुर्वेद में त्रिमर्म (सिर ,ह्रदय ,किडनी )अगर इन स्थानों पर चोट लगती है तो गंभीर बीमारी हो सकती है यहा तक की मृत्यु भी हो सकती है (सिर ,ह्रदय ,बस्ती /किडनी )को शध्योप्राणहर मर्म कहा है सिर (brain )/nerves system ,ह्रदय (heart )/circulatory system ,बस्ती (kidney )/urinary system है ये तीन स्थान आयुर्वेद में बहुत ज्यादा इम्पोर्टेन्ट माने गए गए है इन सभी से सम्ब्नधित अगर कोई रोग होता है तो इसके लिए यह फल कुष्मांड ,पेठा,सफ़ेद पेठा ashgourd ,white gourd भी कहा जाता है,
आयुर्वेद के अनुसार इसके क्या ?फायदे है ,इसे कैसे सेवन करे /सही सेवन विधि /मात्रा /किन बीमारियों में लिया जाता है ?
गुण -हल्का ,लघु (पचने में हल्का ),स्निग्ध- (शरीर में lubrication )उत्पन करता है ,वीर्य -शीत (ठंडा)स्वाभाव ,प्रभाव -मेध्य (बुद्धि के) लिए सर्वोत्तम बताया गया है ,यह शरीर में वात दोष (शरीर में रूखापन )को काम करता है इसके शीत होने के पित्त को कम करने में भी कम करता है ,बताया जाता है की पेठे का पका हुआ फल शरीर में तीनो दोषो को दूर करता है।
Brain/nerves system के लिए यह फल मेध्य (बुद्धि वर्धक )बताया गया है मस्तिष्क बलदाय(brain) को ताकत देता है stress ,anxity /चिंता रहना नींद जल्दी न आना इन सभी मे यह बहुत अच्छी औषधि है इसे निद्रा जनन (अच्छी नींद )लेन वाला कहा है। यहा तक यह पित्त को balance भी करता है शरीर में बहुत जलन गर्मी लगती है क्रोध,भय,शोक ,चिंता इन समान्य विकारो में या फिर याद्दाश कमजोर होने में भी इसे सेवन करना चाहिए ,
सेवन कैसे करे ?
घी में पकाकर इसका हलवा बना कर ले सकते है ,या फिर मीठा पेठा भी खा सकते है गर्मी के मौसम में इसके सेवन बहुत लाभ मिलता है ,ह्रदय के लिए कुष्मांड /पेठा बहुत फायदेमंद होता है ,इसके अलावा रक्त पित्त यानि शरीर से boold किसी भी मार्ग से निकल रहा हो जैसे महिलाओ मासिक धर्म के समय बहुत ज्यादा स्राव रहता है या फिर किसी के नाक से भी रक्त स्राव होता है किसी को बवासीर की तकलीफ है तो इन सभी समस्याओ में सफ़ेद पेठे का सेवन कर सकते है,
किडनी की समस्याओ में पेठा अच्छी औषधि मानी जाती है ,इसे मूत्र जनन (वस्ति शोधन )करने वाला कहा गया है
किसी को urine में जलन ,पीलापन ,दुर्गन्ध आती है या बार बार जाना पड़ता है /urinary trak infaction ,किडनी स्टोन के लिए यह शरीर को naturaly detox करता है