थाइरॉइड क्या है ?
थाइरॉइड एक butterfly shaped की ग्लैंड /ग्रंथि है जो मनुष्य के गले में पायी जाती है ,यह एक एंडोक्राइन ग्लैंड है ,यानि इस ग्लैंड से स्राव /secreation होता है जिनको हॉर्मोन्स कहा जाता है इस ग्लैंड से दो तरह के हॉर्मोंन्स काsecreation होता है T3 &T4 ये हॉर्मोन्स ब्लड के थ्रो शरीर में पहुंचते है। थाइरोइड ग्लैड हमारे शरीर में बहुत important ग्लैंड होती है जो शरीर में चयापचय (Metabolism )/जो हम खाना खाते है उसकी पाचन क्रिया इस ग्लैंड पर निर्भर करती है और सभी organs पर heart ,liver ,brain, intestine असर होता है।
Hormonal Imbalance Of Thyroid Gland
अगर थायरॉइड ग्लैंड जरुरत से ज्यादा हॉर्मोन का स्राव करती है तोउसे हाइपर थाइरोडिस्म कहते है यदि थायरॉइड ग्लैंड का जरुरतसे कमहॉर्मोन का स्राव करती है यानि underactive है तब हाइपो थाइरोडिस्म कहते है।
हाइपो थाइरोडिस्म/hypothyrodismके लक्षण
आयुर्वेद के अनुसार शरीर की (अग्नि मंद्य) metabolism /चयापचय कम हो जाता है और यह कफ और वात की अधिकता के कारण होता है,इसके अलावा weight gain /वजन का बढ़ना ,जोड़ो में दर्द होना ,muscle weakness, कमजोरी ,dryness of skin, hair fall ,कुछ मरीजों में थायराइड ग्लैंड का साइज बाद जाता है जिसे गॉइटर कहते है ,पर सभी में अलग अलग लक्षण दिखाई है।
हाइपर थाइरोडिस्म /hyperthyrodism के लक्षण
इसमें मेटाबोलिज्म फ़ास्ट होती है ,यह पित्त और वात की अधिकता के कारण होता है इसके अलावा weight loss/वजन कम होता है ,heart beats fast palpation nervousness ,anxity ,irribility और धूप /गर्मी बिलकुल सहन नहीं होती ,पसीना बहुत ज्यादा आता है muscles pain महसूस होना हाथ व पैरो में कम्पन होना।
आयुर्वेद चिकित्सा
आयुर्वेद में रोगी के अनुसार उसकी चिकित्सा की जाती है उसका कारण क्या है यह जानना सबसे आवश्यक है जैसे -हाइपो थाईराडिज़्म शरीर की(अग्नि )/भूख कम रहती है तो इसके लिए त्रिकटु चूर्ण आयुर्वेद में देते है क्यूंकि हाइपो थाइरोडिस्म में metabolism slow है तो हल्के भोजन का सेवन करे और कोशिश करे की सादा भोजन ही खाना चाहिए।
हाइपो थाइरोडिस्म में शरीर में रूखापन अधिक होता है ,इसके लिए उबटन के भी बहुत फायदे आयुर्वेद में बताये गए है ,इसके अलावा पंचकर्म चिकित्सा में(नस्य )इसमें नाक में तेल तिल /सरसों की 2 -2 बूंदे इसके अलावा प्राणायाम ,योगासन में -सर्वांगासन ,भुजंगासन ,आदि कर सकते है।
हाइपर थाइरोडिस्म में रोगी को नहीं करना चाहिए ,भूख लगने पर खाना खा लेना चाहिए बहुत ज्यादा मेहनत का काम नहीं करना चाहिए मक्क्खन ,दूध ,गाय का घी जो सबसे अच्छा माना जाता है ,मुनक्का ,सतावारी चूर्ण,आंवले का मुरब्बा आदि का प्रयोग कर सकते है जो बढे हुए वात और पित्त दोष को कम करते है।