आयुर्वेद की लेप चिकित्सा में दशांग लेप का प्रयोग बहुत महत्व रखता है यह औषधि दस महत्पूर्ण द्रव्यों से मिल कर बनाया जाता है,यह लेप सूजन और त्वचा रोगो को ठीक करने में एक गुणकारी औषधि है ,
घटक द्रव्य -
छोटी इलाइची
तगर
मुलेठी
सुगन्धबाला
लालचंदन
कूठ
जटामाँसी
शिरीष
हरिद्रा /हल्दी
उपयोग ,लाभ
दशांग लेप आयुर्वेद में पित्त व कफ शामक औषधि है ,यह शरीर की सूजन ,कोकम करता है यानि यह एंटी इन्फ्लामेट्री ,एंटी एलर्जिक और स्किन प्रॉब्लम से छुटकारा दिलाता है इसके अलावा चर्म रोग skin disorder ,कुष्ठ ( एग्जिमा कई स्किन प्रॉब्लम),ज्वर /fever ,एब्सेस /फोड़ा , मोच वाली जगह पर लगाने से आराम मिलता है इस लेप को गाय के घी के साथ पानी मिला कर लगाया जाता है ,आर्थराइटिस में भी यह लेप बहुत फायदेमंद है ,आर्थराइटिस में होने वाली सूजन में इस लेप को लगाने बाद एरंड के पत्तो कोबाहर से बांधने से बहुत लाभ मिलता है।