सफ़ेद पानी क्या है और क्यों होता है ?
आयुर्वेद में इसे श्वेत प्रदर के नाम से जाना जाता है ,इसी को आम भाषा में सफ़ेद पानी कहा जाता है ,यहमहिलाओ में होने वाली एक कॉमन समस्या है।
.महिलाओ की योनि (वेजाइना )के आस -पास बहुत सारी ग्रंथिया (glands)होती है ,और ग्लैंड्स का कार्य ही यही है की स्राव (secresion) होता रहे ,ताकि आपकी योनि के आस -पास नमी बनी रहे और आपको बहुत सारे इन्फेक्शन से बचाने में मदद करे।
.योनि के आस पास वाली जगह में अच्छे बैक्टीरिया होते है ,जो की स्राव के साथ इंफेक्शन को भी बाहर निकाल देता है।
.पीरिएड मासिक धर्म/आर्तव /mensturation cycle के शुरुआती दिनों में सफ़ेद पानी बिलकुल नहीं आता
है जब female में ओवुलेशन (ovultion )टाइम के नजदीक आते ही और एस्टोजेन हॉर्मोन का लेवल
बढ़ जाने से सफ़ेद पानी निकलता है,
जब दोबारा एस्ट्रोजन हॉर्मोन घटने लगता है और प्रोजेस्टेरोन बढ़ने लगता है तब सफ़ेद पानी गाढ़ा होने लगता है ,
ये पता कैसे करेंगे की असामान्य योनि स्राव है ; कि नहीं ?
.जब योनि स्राव सामान्य न हो तब योनि स्राव से दुर्गन्ध आने लगती है।
.योनि के आस पास खुजली (eching )होने लगती है।
.पेट के निचले हिस्से में दर्द और साथ ही कमर में भी होता है।
.योनि स्राव का रंग भी बदल जाता है (जैसे -हल्का पीला ,ग्रे और कभी दही की तरह फटा जैसे) ,जो कि फंगल इंफेक्शन होता है।
क्यों होता है असामान्य योनि स्राव ?
. हानिकारक बैक्टीरिया के कारण होने वाला इंफेक्शन और यौन संक्रमित (sexually transmited infection )के कारण
.शारीरिक रोगप्रतिरोधक अक्षमता के कारण अपनी प्रसनल हाईजीन को न बनाये रखने के कारण
.आयुर्वेद में यह कफ दोष में असंतुलन होने क कारण होता है।
उपचार :-
पुष्यानुग चूर्ण एक आयुर्वेदिक औषधि है जो बार बार होने वाली
सफ़ेद पानी की समस्या से राहत दिलाती है; महिलाओ के लिए बहुत गुणकारी सिद्ध होती है।
यह सभी प्रकार स्त्रियों के योनि दोष को, योनि रोग को नष्ट करता है
इसके आलावा योनि वाले भाग को साफ और ड्राई रखना चाहिए और सूती के कपडे को पहनने में इस्तेमाल करना चाहिए।