रूमटॉइड आर्थराइटिस /गठिया :-
आयुर्वेद में इसी को आमवात ,सन्धिवात के नाम से जानते है , rhematoid arthritis
एक chronic systemic ( बीमारी लम्बे समय तक चलती है और इलाज भी लम्बा चलता है ,
systemic (जोड़ो के दर्द के साथ -साथ शरीर के बाक़ी organs को भी effect करती है ,eye ,skin
nervous system ,यह autoimmun disease (शरीर का खुद का इम्यून सिस्टम अपने ही joint /जोड़ो
पर हल्ला बोल देता है) जिसकी वजह से जोड़ो में सूजन ,दर्द ,अकड़न ये सभी लक्षण होते है।
लक्षण :-
. हाथ के जोड़ो में दर्द ,सूजन (joint pain & swlling)
.सुबह उठने में अकड़न ,जकड़न (morning stiffness)
.घर के छोटे मोटे काम करने परेशानी (problem in daily work)
.थकान , नींद न आना (tiredness ),वजन काम होना ,भूख न लगना
.हाथ और पैरों के आलावा कंधो ,कोहनी ,घुटनो में दर्द
किन लोगो में ज्यादा होता है ?
ज्यादातर 30 -50 साल तक के लोगो में होता है और यह महिलाओ में अधिकतर
देखा जाता है ,पुरुषो में भी आर्थराइटिस देखने को मिलाता है लेकिन पुरुषो
के मुकाबले महिलाओ में तीन गुना ज्यादा देखी जाती है।
. यह बच्चों को भी हो सकती है जब यह बच्चो में होती है तब इसे जुबेनिल आर्थराइटिस
कहते है।
उपाय :-
आर्थराइटिस में विशेष रूप से आहार विहार (खान पान )पर ध्यान दिए जाता है ,जैसे
खट्टे पदार्थ (दही, छांछ ,नीबू )
कुछ सब्जिया -फूलगोभी मटर का सेवन नहीं करना चाहिए
. आयुर्वेद की औषधियों का सेवन करने पर आपको काफी लाभ मिलता है (पीड़ान्तक क्वाथ
निर्गुन्डी या इसी को सम्भालू भी कहते है )
. चंद्रप्रभा आयुर्वेदीय औषधी (भा वटी , जो सूजन और जोड़ो के दर्द में बहुत लाभदायक है)
. पुनर्नवादि मंडूर रस ,मुख्य रूप से ज्वाइन पेन में राहत देती है।
आर्थराइटिस ) में सर्वोपरि है ,(योगराज गुग्गुल ,सिंघनाद गुग्गुल सहचर गुग्गुल ,त्रिफला गुग्गुल )
जो वात ,पित्त व कफ शमन करते है ,गठिया में बहुत लाभदायक है।