(1)आयुर्वेद में पैरालिसिस वात जनित रोग है। जिसे पक्षाघात (hemiplegia)भी कहा जाता है। इसमें बढ़ी हुई वायु(हवा) शरीर के आधे भाग में रहकर वातादि वाहनियों(vihicles) तथा mussles nerve को सुखाकर जोड़ो को ढीला करता हुआ शरीर(body) के आधे भाग(part) की क्रिया(work)और चेतना को खत्म कर देता है।
दोस्तों आज हम बात करेंगे की आयुर्वेद में पक्षाघात या लकवे के इलाज के क्या उपचार हैं। आयुर्वेद में विद्यमान पंचकर्म विधियों द्वारा लकवे या पक्षाघात को ख़त्म किया जा सकता है:-मूल रूप से बस्ति द्वारा इसका इलाज किया जाता है।
पंचकर्म से शरीर को detox किया जाता है और शरीर पूरी तरह refresh हो जाता है आयुर्वेद की पंचकर्म चिकित्सा द्वारा शरीर की बीमारियों को पहचान कर कि आखिर वह क्यों हो रहा है ,शरीर में कौन से दोष पनप रहे जिससे वह बीमारियां हो रही हैं, इन सब को देखने के बाद पूरी तरह से बॉडी के work system (functions) को सही किया जाता है। इसलिए बीमार व्यक्ति को पंचकर्म ठीक करने में मदद करता है।
3:-संशोधन (detoxification):- अगर स्नेहन(oilation) - स्वेदन(sweating/sudation)करने से लाभ न हो ,तो मृदुविरेचन (laxactive treatment)- treat constipation by softning hard stool or stimulating your bowels to get moving so you can poop) दवाई खिलाकर detox कराते हैं। अमलतास औषधि laxactive दवाई का example है।
4:- अनुलोमन(retraction):- अनुलोमन का मतलब होता है शरीर में direction को ठीक करना। example से समझें तो इसका मतलब है जब हम कुछ खाते हैं उसको सही direction में flow करना। शरीर में रहने वाली वात को नीचे की ओर ले जाया जाता है इसमें अनुलोमन substance का use किया जाता है। जिसके लिए हरड़ (हरीतकी) का इस्तेमाल किया जाता है। इसके विपरीत में प्रतिलोमन होता है। जिसमें vomit से stomach के material को बाहर किया जाता है। अलग शब्दों में वह दवाई जो पेट में रुके मल को ढीला करके कब्ज को दूर करके बाहर निकाल दें।
5 निरुह बस्ति (decoction enemata) :- कमजोर रोगी को निरुह बस्ती दें एवं भोजन में पाचन लायक खाना देना चाइये।
6 नस्य(nasal madication) एवं धूमपान:-detoxification के बाद जठराग्नि (fire in body ) तेज हो जाये तो दुबारा स्नेहन (oilation)-स्वेदन(sweating)करना चाहिए ;फिर मीठा ,अम्ल(acid) ,लवण(salt) रसयुक्त मुलायम खाना देना चाहिए और प्रत्येक वातरोग में नस्य(nasal madication) और धूमपान का प्रयोग करना चाहिए।
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