उत्तरबस्ति विधि
आजकल के समय में ज्यादातर महिलाओं में इनफर्टिलिटी की दिक्कतें हो रहीं हैं जिससे बहुत सी महिलाएं परेशान होती हैं दोस्तों आयुर्वेदिक पंचकर्म के द्वारा इसका उपचार किया जाता है जो की उत्तरबस्ति द्वारा ठीक किया जाता है इसके साथ आयुर्वेदिक दवाई भी इसमें दी जाती है।
इनफर्टिलिटी(गर्भ धारण नहीं कर पाना) को पंचकर्म द्वारा ठीक किया जाता है आजकल के समय में बहुत से लोगों को नहीं पता है कि आयुर्वेदिक पंचकर्म में इसको ठीक किया जा सकता है इस आर्टिकल के माध्यम से पंचकर्म की विधि को बताया गया है जिससे इनफर्टिलिटी दूर होती है और महिलाएं स्वस्थ हो जाती है जिससे गर्भधारण हो पाता है। पंचकर्म द्वारा बहुत सी महिलाएं ठीक हुई हैं। जिससे इनफर्टिलिटी दूर हो जाती है।
उत्तरबस्ति महिलाओं में इनफर्टिलिटी के लिये दी जाती है पंचकर्म की इस विधि के द्वारा इनफर्टिलिटी का उपचार किया जाता है। इसमें जेनिटल पैसेज से गर्भाशय की बिमारियों को दूर किया जाता है।
उत्तरबस्ति (uretheral and vaginal douches) आसान भाषा में समझें मूत्रमार्ग को साफ़ करना या धोना, आयुर्वेद में पंचकर्म में यह उपचार पुरुषों में मूत्रमार्ग से मूत्राशय में और स्त्रियों में अपत्यपथ (child path/ genital passage) से गर्भाशय में दी वाली बस्ति उत्तरबस्ति कहलाती है। उत्तरमार्ग से दिए जाने के कारण इसे उत्तरबस्ति कहा जाता है। दूसरा अर्थ यह है कि,उत्तर श्रेष्ठ होने के कारण इसे उत्तरबस्ति कहा जाता है।
उत्तरबस्ति प्राय: स्त्रियों में गर्भाशय में रजोदोष के लिए दी जाती है और रज को पुष्प की संज्ञा दी गयी है इसलिए जिस नोजल से बस्ती की जाती है उसे पुष्पनेत्र भी कहा जाता है।
स्त्रियों के गर्भाशय(uterus) में उत्तरबस्ति को uterine orifice (गर्भाशय मार्ग ) और यूरिन पैसेज में बस्ति की जाती है।
प्रमेह (diabetes ) रोगी को उत्तरबस्ति नहीं दी जाती।
पुरुषों में भी यह बस्ति दी जाती है जो कि मूत्र समस्या या वीर्य से जुडी समस्याओं को ठीक करने हेतु दी जाती है।