अशोकारिष्ट
यह योग एसिडिक या bitter , रक्त स्तम्भक( haemostatic-stopping bleeding from an injaury and repairing the damage) द्रव्यों(liquid)से युक्त है। यह गर्भाशय(uterus) एवं बीजकोष पर काम करता है
और उसमे हुए विकारों को ख़त्म करता है। यह गर्भाशय(uterus) को ताकत देता है। मासिक स्राव (periods)
को regular और control करके सही करता है।
उपयोग :-
- अत्यार्तव(menorrhagia)-(महिलाओं में पीरियड्स के दौरान पेट में तेज दर्द और heavy ब्लीडिंग को कम करता इसको menorrhagia कहते हैं। )
- कष्टार्तव-(painful menstruation,tipically involving abdominal crams या पीरियड्स के दौरान दर्द होना।
- उदरशूल-तीन महीने से कम उम्र के बच्चे जो लगातार रोते रहते हैं और इसी वजह से उनके पेट में दर्द रहता है इसे colic कहते हैं। पेट में दर्द ज्यादातर उन बच्चों के होता है जो 6 महीनों से छोटे होते हैं और आमतौर पर रोने के लम्बे episode से जुड़ा होता है।बच्चा लगातार रोता रहता है इस दर्द के लिए अशोकारिष्ट लेना चाहिये।
- कटिशूल(कमर दर्द)- अनियमित रजोप्रवृति( any period problems)
मात्रा एवं अनुपात :- 15-30 मिली दिन में दो बार भोजनोपरांत या चिकित्सक परामर्श के अनुसार।